शनिवार, 12 सितंबर 2015

चुनींदा शेर

कुछ चुनींदा शेर पढीये,......
बहूत गेहराई है इनमें।
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बिना लिबास आए थे इस जहां में,
बस एक कफ़न की खातिर,
इतना सफ़र करना पड़ा....!!!!
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समय के एक तमाचे की देर है प्यारे,
मेरी फ़क़ीरी भी क्या,
तेरी बादशाही भी क्या....!!!!
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जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,
मै खुद को नही देखता औरो की नजर से....!!!
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नींद आए या ना आए, चिराग बुझा दिया करो,
यूँ रात भर किसी का जलना, हमसे देखा नहीं जाता....!!!!
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मोबाइल चलाना जिसे सिखा रहा हूँ मैं,
पहला शब्द लिखना उसने मुझे सिखाया था....!!!!
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यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा....!!!!
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"तू अचानक मिल गई तो कैसे पहचानुंगा मैं,
ऐ खुशी.. तू अपनी एक तस्वीर भेज दे....!!!!
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"इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,
शरारतें करते हैं, साजिशें तो नहीं करते....!!!!
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महँगी से महँगी घड़ी पहन कर देख ली,
वक़्त फिर भी मेरे हिसाब से कभी ना चला ...!!"
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युं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे ..
पता नही था की, 'किमत चेहरों की होती है!
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पैसे से सुख कभी खरीदा नहीं जाता
और दुःख का कोई खरीदार नहीं होता।"
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मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते
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ऐ बारिश जरा खुलकर बरस, ये क्या तमाशा है....!!
इतनी रिमझिम तो मेरी आँखों से
रोज होती है...!!!!
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उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में, पर बेवजह खुश रहने
का मजा ही कुछ और है... ..

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