रविवार, 23 अगस्त 2015

पत्नी और पति

पत्नी और पति का
..........यह रिश्ता बड़ा निराला
एक को है किसी ने
दूजे को किसी ने पाला
फिर भी दोनों संग है रहते
संग हँसते हैं संग रोते हैं
दुनिया में यह दस्तूर
है किस ने निकाला
..........पत्नी और पति का
..........यह रिश्ता बड़ा निराला
इक दूजे को प्यार है करते
कभी कभी तकरार भी करते
छोड़ जाने की बात भी करते
बच्चों की दुहाई देते
पर न निकले पति ही घर से
न पत्नी को किसी ने निकाला
..........पत्नी और पति का
..........यह रिश्ता बड़ा निराला
रिश्ता है यह सब से ऊपर
सब रिश्ते में यह है सुपर
पति बिन पत्नी न रहती
उसकी न जुदाई सहती
पत्नी बिन भी पति न रहता
सुख दुःख उस के संग है सहता
रिश्ता उस का चले उम्र भर
जिसने इसे संभाला
..........पत्नी और पति का
..........यह रिश्ता बड़ा निराला

खूबसूरत सा एक पल

खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है |

कुछ  लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे,
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है ||
क्यूँ  मुश्किलों  में  साथ  देते  हैं  दोस्त
क्यूँ  गम  को  बाँट  लेते  हैं  दोस्त
न  रिश्ता  खून  का  न  रिवाज  से  बंधा  है
फिर  भी  ज़िन्दगी  भर  साथ  देते  हैं  दोस्त "

दिल से...
          दोस्तों के लिए...

शनिवार, 22 अगस्त 2015

ख्वाहिश

"ख्वाहिश ये बेशक नही
          की
'तारीफ' हर कोई करे...!

          मगर
'कोशिश' ये जरूर है
  की कोई बुरा ना कहे."           

मानसिक अत्याचार

दो बुज़ुर्ग अदालत में तलाक के लिए गए।

जज ने पूछा, "इस उम्र में तलाक क्यों लेना चाहती हैं आप ?"

महिला बोली, "जज साहब! मेरे पति मुझ पर मानसिक अत्याचार कर रहे हैं।"

जज ने पूछा, "वो कैसे?"

महिला ने कहा, "इनकी जब मर्ज़ी होती है, मुझे खरी-खोटी सुना देते हैं... और जब मैं बोलना शुरू करती हूँ, अपने कान की machine निकाल देते हैं।"

चेहरे गुलाब नहीं होते

जाने क्यूँ अब शर्म, से चेहरे गुलाब नहीं होते।
जाने क्यूँ अब, मस्त मौला मिजाज नहीं होते।

पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें।
जाने क्यूँ अब चेहरे, खुली किताब नहीं होते।

सुना है बिन कह, दिल की बात समझ लेते थे।
गले लगते ही, दोस्त हालात समझ लेते थे।

जब ना फेसबुक थी, ना व्हाट्स एप था, ना मोबाइल था
एक चिट्ठी से ही, दिलों के जज्बात समझ लेते थे।

सोचता हूँ, हम कहाँ से कहाँ आ गये।
प्रेक्टिकली सोचते सोचते, भावनाओं को खा गये।

अब भाई भाई से, समस्या का समाधान कहाँ पूछता है
अब बेटा बाप से, उलझनों का निदान कहां पूछता है

बेटी नहीं पूछती, माँ से गृहस्थी के सलीके।
अब कौन गुरु के चरणों में, बैठकर ज्ञान की परिभाषा सीखे।

परियों की बातें, अब किसे भाती हैं
अपनों की याद, अब किसे रुलाती है

अब कौन गरीब को, सखा बताता है
अब कहाँ कृष्ण, सुदामा को गले लगाता है

जिन्दगी में हम प्रेक्टिकल हो गये हैं
रोबोट बन गये हैं सब, इंसान जाने कहां खो गये हैं .......!

शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

     बड़ा महत्व है

           बड़ा महत्व है

 

ससुराल में साली का…
बाग़ में माली का…
होंठो में लाली का…
पुलिस में गाली का…
मकान में नाली का…
कान में बाली का…
पूजा में थाली का…
खुशी में ताली का---बड़ा महत्व है

 

फलों में आम का…
भगवान में राम का…
मयखाने में जाम का…
फैक्ट्री में काम का…
सुर्ख़ियों में नाम का…
बाज़ार में दाम का…
मोहब्बत में शाम का---बड़ा महत्व है

 

व्यापार में घाटा का…
लड़ाई में चांटा का…
रईसों में टाटा का…
जूतों में बाटा का…
रसोई में आटा का---बड़ा महत्व है

 

फिल्मों में गाने का…
झगड़े में थाने का…
प्यार में पाने का…
अंधों में काने का…
परिंदों में दाने का---बड़ा महत्व है

 

ज़िंदगी में मोहब्बत का…
परिवार में इज्ज़त का…
तरक्की में किस्मत का…
दीवानों में हसरत का---बड़ा महत्व है

 

पंछियों में बसेरे का…
दुनिया में सवेरे का…
डगर में उजेरे का…
शादी में फेरे का---बड़ा महत्व है

 

खेलों में क्रिकेट का…
विमानों में जेट का…
शरीर में पेट का…
दूरसंचार में नेट का---बड़ा महत्व है

 

मौजों में किनारों का…
गुर्वतों में सहारों का…
दुनिया में नज़ारों का…
प्यार में इशारों का---बड़ा महत्व है

 

खेत में फसल का…
तालाब में कमल का…
उधार में असल का…
परीक्षा में नकल का---बड़ा महत्व है

 

ससुराल में जमाई का…
परदेश में कमाई का…
जाड़े में रजाई का…
दूध में मलाई का---बड़ा महत्व है

 

बंदूक में गोली का…
पूजा में रोली का…
समाज में बोली का…
त्योहारों में होली का…
श्रृंगार में चोली का---बड़ा महत्व है

 

बारात में दूल्हे का…
रसोई में चूल्हे का---बड़ा महत्व है

 

सब्जियों में आलू का…
बिहार में लालू का…
मशाले में बालू का…
जंगल में भालू का…
बोलने में तालू का---बड़ा महत्व है

 

मौसम में सावन का…
घर में आँगन का…
दुआ में दामन का…
लंका में रावन का---बड़ा महत्व है

 

चमन में बहार का…
डोली में कहार का…
खाने में अचार का…
मकान में दीवार का---बड़ा महत्व है

 

सलाद में मूली का…
फूलों में जूली का…
सज़ा में सूली का…
स्टेशन में कूली का---बड़ा महत्व है

 

पकवानों में पूरी का…
रिश्तों में दूरी का…
आँखों में भूरी का…
रसोई में छूरी का---बड़ा महत्व है

 

            Last One

खेत में सांप का…
सिलाई में नाप का…
खानदान में बाप का…
और वॉट्सअप पर आप का---बड़ा
महत्व है

 

  
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     बड़ा महत्व है

           बड़ा महत्व है

 

ससुराल में साली का…
बाग़ में माली का…
होंठो में लाली का…
पुलिस में गाली का…
मकान में नाली का…
कान में बाली का…
पूजा में थाली का…
खुशी में ताली का---बड़ा महत्व है

 

फलों में आम का…
भगवान में राम का…
मयखाने में जाम का…
फैक्ट्री में काम का…
सुर्ख़ियों में नाम का…
बाज़ार में दाम का…
मोहब्बत में शाम का---बड़ा महत्व है

 

व्यापार में घाटा का…
लड़ाई में चांटा का…
रईसों में टाटा का…
जूतों में बाटा का…
रसोई में आटा का---बड़ा महत्व है

 

फिल्मों में गाने का…
झगड़े में थाने का…
प्यार में पाने का…
अंधों में काने का…
परिंदों में दाने का---बड़ा महत्व है

 

ज़िंदगी में मोहब्बत का…
परिवार में इज्ज़त का…
तरक्की में किस्मत का…
दीवानों में हसरत का---बड़ा महत्व है

 

पंछियों में बसेरे का…
दुनिया में सवेरे का…
डगर में उजेरे का…
शादी में फेरे का---बड़ा महत्व है

 

खेलों में क्रिकेट का…
विमानों में जेट का…
शरीर में पेट का…
दूरसंचार में नेट का---बड़ा महत्व है

 

मौजों में किनारों का…
गुर्वतों में सहारों का…
दुनिया में नज़ारों का…
प्यार में इशारों का---बड़ा महत्व है

 

खेत में फसल का…
तालाब में कमल का…
उधार में असल का…
परीक्षा में नकल का---बड़ा महत्व है

 

ससुराल में जमाई का…
परदेश में कमाई का…
जाड़े में रजाई का…
दूध में मलाई का---बड़ा महत्व है

 

बंदूक में गोली का…
पूजा में रोली का…
समाज में बोली का…
त्योहारों में होली का…
श्रृंगार में चोली का---बड़ा महत्व है

 

बारात में दूल्हे का…
रसोई में चूल्हे का---बड़ा महत्व है

 

सब्जियों में आलू का…
बिहार में लालू का…
मशाले में बालू का…
जंगल में भालू का…
बोलने में तालू का---बड़ा महत्व है

 

मौसम में सावन का…
घर में आँगन का…
दुआ में दामन का…
लंका में रावन का---बड़ा महत्व है

 

चमन में बहार का…
डोली में कहार का…
खाने में अचार का…
मकान में दीवार का---बड़ा महत्व है

 

सलाद में मूली का…
फूलों में जूली का…
सज़ा में सूली का…
स्टेशन में कूली का---बड़ा महत्व है

 

पकवानों में पूरी का…
रिश्तों में दूरी का…
आँखों में भूरी का…
रसोई में छूरी का---बड़ा महत्व है

 

            Last One

खेत में सांप का…
सिलाई में नाप का…
खानदान में बाप का…
और वॉट्सअप पर आप का---बड़ा
महत्व है

 

  
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वर्किंग वुमन हू

वर्किंग वुमन हूँ
=========
वर्किंग वुमन हूँ
अपनी व्यथा को
सिर्फ मैं ही समझती हूँ
माँ पत्नी बहु भाभी का
धर्म कैसे निभाती हूँ
केवल मैं ही जानती हूँ
ऑफिस में
सब उम्मीद करते हैं
मुस्तैदी से काम करती रहूँ
घर में सब चाहते हैं
हर काम मैं ही करूँ
किसी की मदद
या तो मिलती नहीं
मिलती तो भी 
आधी अधूरी मिलती 
कैसी भी हारी बीमारी हो
रात में देर से सोऊँ
जल्दी सोऊँ
सुबह जल्दी ही उठती हूँ
आँख खुले नहीं चाहे
तो भी सवेरे से
मशीन सी 
काम में जुटती हूँ
रिश्तेदारी भी
मुझे ही निभानी होती है
अफसर की डांट भी
मुझे ही खानी पड़ती है
घर से ऑफिस तक
ऑफिस से 
घर तक की यात्रा
हर मौसम में करनी 
पड़ती है
पति के साथ कंधे से 
कंधा मिला कर चलती हूँ
फिर भी आज
सब्जी अच्छी नहीं बनी
कल रोटी कड़क थी
आज फिर देर से आयी
आज जल्दी क्यों जाना है
कभी पति कभी अफसर के
ताने भी मैं ही सुनती हूँ
काम अच्छा करूँ तो
पुरुष साथियों की इर्ष्या
अच्छा नहीं करूँ तो
मज़ाक भी मैं ही सहती हूँ
मैं एक वर्किंग वुमन हूँ
अपनी व्यथा को
सिर्फ मैं समझती हूँ
कई धर्म एक साथ 
कैसे निभाती हूँ
केवल मैं ही जानती हूँ ।

रक्षा बँधन

मेहंदी रोली कंगन का सिँगार नही होता'''

रक्षा बँधन भईया दूज का त्योहार नहीं होता''''

रह जाते है वो घर सूने आँगन बन कर''''

जिस घर मे बेटियों का अवतार नहीं होता'''

राधे राधे

जिन्दगी बख्शी है


ए मेरे मालिक -
- जिन्दगी बख्शी है
तो जीने का सलीका भी बख्श
- ज़ुबान बख्शी है मेरे मालिक
तो सच्चे अल्फ़ाज़ भी बख्श
- सभी के अन्दर तेरी ज्योत दिखे
ऐसी तू मुझे नज़र भी बख्श
- किसी का दिल न दुखे मेरी वजह से
ऐसा अहसास भी तू मुझे बख्श
- आपके चरणकमल में मैं लगा रहूँ
हे दाता ऐसा ध्यान भी बख्श
- रिश्ते जो बनाये मेरे मालिक
उनमें अटूट प्यार तू भर
- ज़िम्मेदारियाँ बख्शी हैं मेरे पालनहार
तो उनको निभाने की समझ भी बख्श
- बुद्धि बख्शी है मेरे मालिक तो
' विवेक बख्श कर एक और अहसान कर दे
- जो कुछ है वो सब तेरा है तो
फिर इस मेरी "मैं" को भी बख्श

A Lady's Simple Questions & Surely It Will Touch A Man's heart...

लोग पत्नी का मजाक उड़ाते है। बीवी के
नाम पर कई msg भेजते है उन सभी के लीये
--------------
Please Read This....
A Lady's Simple Questions & Surely It Will
Touch A Man's heart...
------------------------
देह मेरी ,
हल्दी तुम्हारे नाम की ।
हथेली मेरी ,
मेहंदी तुम्हारे नाम की ।
सिर मेरा ,
चुनरी तुम्हारे नाम की ।
मांग मेरी ,
सिन्दूर तुम्हारे नाम का ।
माथा मेरा ,
बिंदिया तुम्हारे नाम की ।
नाक मेरी ,
नथनी तुम्हारे नाम की ।
गला मेरा ,
मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का ।
कलाई मेरी ,
चूड़ियाँ तुम्हारे नाम की ।
पाँव मेरे ,
महावर तुम्हारे नाम की ।
उंगलियाँ मेरी ,
बिछुए तुम्हारे नाम के ।
बड़ों की चरण-वंदना
मै करूँ ,
और 'सदा-सुहागन' का आशीष
तुम्हारे नाम का ।
और तो और -
करवाचौथ/बड़मावस के व्रत भी
तुम्हारे नाम के ।
यहाँ तक कि
कोख मेरी/ खून मेरा/ दूध मेरा,
और बच्चा ?
बच्चा तुम्हारे नाम का ।
घर के दरवाज़े पर लगी
'नेम-प्लेट' तुम्हारे नाम की ।
और तो और -
मेरे अपने नाम के सम्मुख
लिखा गोत्र भी मेरा नहीं,
तुम्हारे नाम का ।
सब कुछ तो
तुम्हारे नाम का...
Namrata se puchti hu?
आखिर तुम्हारे पास...
क्या है मेरे नाम का?
एक लड़की ससुराल चली गई।
कल की लड़की आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लड़की,
अब ससुराल की सेवा करना सीख गई.
कल तक तो टीशर्ट और जीन्स पहनती लड़की,
आज साड़ी पहनना सीख गई.
पिहर में जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लड़की,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लड़की,
आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.
कल तक तो तीन वक्त पूरा खाना खाती लड़की,
आज ससुराल में तीन वक्त
का खाना बनाना सीख गई.
हमेशा जिद करती लड़की,
आज पति को पूछना सीख गई.
कल तक तो मम्मी से काम करवाती लड़की,
आज सासुमां के काम करना सीख गई.
कल तक भाई-बहन के साथ
झगड़ा करती लड़की,
आज ननद का मान करना सीख गई.
कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लड़की,
आज जेठानी का आदर करना सीख गई.
पिता की आँख का पानी,
ससुर के ग्लास का पानी बन गई.
फिर लोग कहते हैं कि बेटी ससुराल जाना सीख
गई.
(यह बलिदान केवल लड़की ही कर
सकती है,इसिलिए हमेशा लड़की की झोली
वात्सल्य से भरी रखना...)
बात निकली है तो दूर तक जानी चाहिये!!!
शेयर जरुर करें और लड़कियो को सम्मान दे!

Happy Independence Day

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं
.
.
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है……
में अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो…
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो

Happy Independence Day

व्हाट्सऐप  भागवद गीता

व्हाट्सऐप  भग्वद गीता

हे पार्थ,

||  तुम पिछले मेसेज का पश्चाताप मत करो ||

|| तुम अगले मेसेज की चिंता भी मत करो ||

|| बस अपने करंट मेसेज से ही प्रसन्न रहो ||

|| तुम जब नहीं थे, तब भी ये मेसेजो का चलन रहा था ||

|| तुम जब नहीं होगे, तब भी ये मेसेजो का चलन चलता रहेगा ||

|| जो मेसेज आज तुम्हारा है, कल किसी और का था ||

|| वो कल किसी और का होगा ||

|| तुम इसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो ||

|| यही तुम्हारे समस्त दुखों का कारण है ||

|| बहुत बढ़िया लाइक धन्यवाद जैसे शब्द अपने मन से निकाल दो ||

|| निष्काम भाव से मैसेज करो.. फिर देखो तुम इस व्हाट्सऐप रूपि भवसागर में रहते हुए भी इस के समस्त कुप्रभावों से दूर रह कर स्वर्ग लोक को प्राप्त होगे  ||

राधे - राधे

जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..

कुछ रिश्ते भगवान बनाता है .....

और कुछ रिश्ते whatsapp

चहरे की मीठी मुस्कान होती है

दोस्ती हर चहरे की मीठी मुस्कान होती है,
दोस्ती ही सुख दुख की पहचान होती है,
रूठ भी गऐ हम तो दिल पर मत लेना,
क्योकि दोस्ती जरा सी नादान होती है...!!!

मेरे यूँ चुप रहने से नाराज ना हो

मेरे यूँ चुप रहने से नाराज ना हो जाना कभी,
दिल से चाहने वाले तो अकसर खामोश ही रहते है.

दिल मेरा रो देता है

कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है ,
कि तुझे पाने की चाहत में मैंने खुद को भी
खो दिया

हर दर्द को दफ़न कर

हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं ,
दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए.
रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं ,
आज महफ़िल में चलो सब को हंसाया जाए...

धोकेबाज

साफ साफ बोलने वाला कड़वा जरूर होता है,
पर धोकेबाज नही

सिखा दो "भूल" जाने का हुनर"

मुझे भी सिखा दो "भूल" जाने का हुनर"
"मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुझे याद करते करते !!

भूलना सीखो

छोटे थे, हर बात भूल जाया करते थे...दुनिया कहती थी कि...
"याद करना सीखो"..!
.
.
.
बड़े हुए तो हर बात याद रहती है,दुनिया कहती है कि...
"भूलना सीखो"

मोहब्बत के खिलाड़ी

शतरंज की चालों का खौफ ... उन्हें होता है ,
जो सियासत करते हैं ..... हम तो मोहब्बत के खिलाड़ी हैं ... न हार की फिक्र , न जीत का ज़िक्र

दीदार की तलब

'' दीदार की तलब हो तो नजरें
जमाये रखना ..
क्यूकि 'नकाब' हो या 'नसीब'
.....सरकता जरूर है'

न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.

जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकिएक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.

लावारिश हो गया!!!

बहुत थे इस दुनिया मे, मेरे भी अपने,
ए-जान....
फिर इश्क हुआ और, मै लावारिश हो गया!!!

लफ़्जो से वार किया

तहज़ीब का आग़ाज़ उस वक़्त हुआ होगा,
जब किसी ने गुस्से में आकर पत्थर की बजाए लफ़्जो से वार किया होगा...

न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.

जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकिएक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.

कलम खामोश है !!

क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है!

खत पर है आँसू गिरे और कलम खामोश है !!

गुनाह

'ऐसा नहीं है कि हमें बातें बुरी नहीं लगती,

एक बस तेरे लिये सारे गुनाह माफ़ है ।।।।।।

दीदार की ख्वाहिश

दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना !.

शायर हूँ

मत समझ के कुछ नही है पास मेरे तुझे देने को,
शायर हूँ नाम तेरे कुछ तो लिख ही जाऊगाँ...

इश्क़ की किम्मत.

उसीसे पुछलो उसके इश्क़ की किम्मत..,हम तो बस भरोसे पे बिक गए ….!!!

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

बहन का मार्मिक पत्र ससुराल से

बहन का मार्मिक पत्र ससुराल से:-

नहीं चाहिए मुझको हिस्सा
माँ-बाबा की दौलत में 
चाहे वो  जो  जो लिख जाएँ
अपनी वसीयत में

नहीं चाहिए मुझको झुमका
चूड़ी पायल और कंगन 
नहीं चाहिए अपनेपन की
कीमत पर बेगानापन

मुझको नश्वर चीज़ों की दिल से
कोई दरकार नहीं 
संबंधों की कीमत पर
कोई सुविधा स्वीकार नहीं

माँ के सारे गहने-कपड़े
तुम भाभी को दे देना
बाबूजी का जो कुछ है
सब ख़ुशी ख़ुशी तुम ले लेना

चाहे पूरे वर्ष कोई भी
चिट्ठी-पत्री मत लिखना
मेरे स्नेह-निमंत्रण का भी
चाहे मोल नहीं करना

नहीं भेजना तोहफे मुझको
चाहे तीज-त्योहारों पर 
पर थोडा-सा हक दे देना
बाबुल के गलियारों पर

रूपया पैसा कुछ ना चाहूँ
ये सब नाकाफी है
आशीर्वाद मिले मैके से
मुझको इतना काफी है

तोड़े से भी ना टूटे जो
ये ऐसा मन -बंधन है 
इस बंधन को सारी दुनिया
कहती रक्षाबंधन है

तुम भी इस कच्चे धागे का
मान ज़रा-सा रख लेना
कम से कम राखी के दिन
बहना का रस्ता तक लेना

बाबुल के गलियारों पर
बस थोडा-सा हक दे देना

बस थोडा-सा हक दे देना

पानी से तस्वीर     

पानी से तस्वीर            कहा बनती है,ख्वाबों से तकदीर            कहा बनती है,किसी भी रिश्ते को            सच्चे दिल से निभाओ,ये जिंदगी फिर            वापस कहा मिलती हैकौन किस से            चाहकर दूर होता है,हर कोई अपने            हालातों से मजबूर होता है,हम तो बस            इतना जानते हैं...हर रिश्ता "मोती" और            हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।।।

बुधवार, 19 अगस्त 2015

मत पूछ मेरे हौसलों की हदों के बारे में,

मत पूछ मेरे हौसलों की हदों के बारे में,ये वो पंछी हैं,
जो जानते ही नहीं सरहदों के बारे में !

उड़ते रहते हैं ये निरंतर ख्वाहिशो के आसमानों में,

और बाज नहीं आते कभी तकदीर को आजमाने से

अगर दुश्मन करें आगाज

अगर दुश्मन करें आगाज़, तो हम अंजाम लिख
देंगे .....
लहू के रंग से इतिहास में संग्राम लिख देंगे ......
हमारी ज़िन्दगी पर तो वतन का ही है नाम
लिखा ....
अब अपनी मौत भी अपने वतन के नाम लिख
देंगे!!

बुराई तलाश करने वाले इंसान

1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना
क्योकी बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय
बताती है।
2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल
उस 'मक्खी' की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को
छोडकर केवल जख्म पर ही बैठती है।
3. टूट जाता है गरीबी मे वो रिशता जो खास होता है
हजारो यार बनते है जब पैसा पास होता है.
4. मुस्करा कर देखो तो सारा जहाॅ रंगीन है वर्ना भीगी
पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है
5. जल्द मिलने वाली चीजे ज्यादा दिन तक नही चलती
और जो चीजे ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नही
मिलती
6. बुरे दिनो का एक अच्छा फायदा अच्छे-अच्छे दोस्त
परखे जाते है
7. बीमारी खरगोश की तरह आती है और कछुए की तरह
जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और
खरगोश की तरह जाता है
8. छोटी छोटी बातो मे आंन्द खोजना चाहिए क्योकि
बङी बङी तो जीवन मे कुछ ही होती है।
9. ईशवर से कुछ मांगने पर न मिले तो उससे नाराज ना
होना क्योकि ईशवर वह नही देता जो आपको अच्छा
लगता है बल्कि वह देता है जो आपके लिए अच्छा
होता है।
10. लगातार हो रही असफलफताओ से निराश नही होना
चाहिए क्योकीं कभी-कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी
ताला खोल देती है।
11. ये सोच है हम इसांनो की कि एक अकेला क्या कर
सकता है पर देख जरा उस सूरज को वो अकेला ही तो
चमकता है
12. रिश्ते चाहे कितने ही बुरे हो उन्हे तोङना मत क्योकि
पानी चाहे कितना भी गंदा हो अगर प्यास नही बुझा
सकता पर आग तो बुझा सकता है।
13. अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला, मिटटी के
बने लोग कागजो मे बिक जाते है।
14. इंसान की तरह बोलना न आये तो जानवर की तरह
मौन रहना अच्छा है।
15. जब हम  बोलना नही जानते थे, तो हमारे बोले बिना
'माॅ' हमारी बातो को समझ जाती थी और आज हम हर
बात पर  कहते है ''छोङो भी 'मा' आप नही समझोगी''
16. " शुक्रगुजार हूँ उन तमाम लोगो का जिन्होने बुरे वक्त
मे मेरा साथ छोङ दिया क्योकि उन्हे भरोसा था कि मै
मुसीबतो से अकेले ही निपट सकता हूँ।
17. शर्म की अमीरी से इज्जत की गरीबी अच्छी है
18. जिदंगी मे उतार चङाव का आना बहुत जरुरी है
क्योकि ECG मे सीधी लाईन का मतलब मौत ही
होता है
19. रिशते, आजकल रोटी की तरह हो गए जरा सी आंच
तेज क्या हुई जल भुनकर खाक हो गए।
20. जिदंगी मे अच्छे लोगो की तलाश मत करो "खुद
अच्छे बन जाओ" आपसे मिलकर शायद किसी की
तालाश पूरी हो जाए।

अगर बिकी तेरी दोस्ती...

हरिवंशराय बच्चनजी की सुन्दर कविता:

अगर बिकी तेरी दोस्ती...
तो पहले ख़रीददार हम होंगे.

तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत.
पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे.

दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है.
दोस्त ना हो तो महफिल भी समशान है!

सारा खेल दोस्ती का है ऐ मेरे दोस्त,
वरना जनाजा और बारात एक ही समान है.

सारे दोस्तो को सर्मप्रित.

गुरू एक तेज ह


गुरू एक तेज हे ,
     जिनके आते ही सारे संशय के
     अंधकार खतम हो जाते हे ।।
गुरू वो दीक्षा हे जो सही मायने मे
     मिलती है तो पार हो जाते हे ।।
गुरू वो नदी हे जो निरंतर
     हमारे प्राण से बहती हे ।।
गुरू वो सत् चित् आनंद हे
     जो हमे हमारी पहचान देता हे ।।
गुरू वो बांसुरी हे जिसके बजते ही
     अंग अंग थीरक ने लगता हे ।।
गुरू वो अमृत हे जिसे पी के
     कोई कभी प्यासा नही रहेता ।।
गुरू वो मृदंग हे जिसे बजाते ही
     सोहम नाद की झलक मिलती हे ।।
गुरू वो कृपा हे जो सिर्फ कुछ
     सद शिष्यों को ही विशेष रूप में
     मीलती है ।।
गुरू वो प्रसाद हे जिसके भाग्यमें हो ,
     उसे कभी कुछ मांगने की ज़रूरत नही।
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फर्क क्या हैं.

याकूब ने कहा कलामजी से
आज मैं भी ऊपर,
और आप भी ऊपर हो,
तो फर्क क्या हैं..हम दोनो में...

कलामजी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुझे बुलाया गया हैं...
और आप को भेजा गया हैं !!

आपने जिंदगी लगा दी खूद की
मजहब की दिवार खड़ी करनेमें
और हमारी जिंदगी बीत गयी
वही दीवार तोड़ते तोड़ते !

देश रो पडा था
जब मैं गिरा था,
वही देश मुस्कुराया था
आपको लटका हुआ देखकर !

तिरंगा मेरा भी था,
और आपका भी था
पर मैंने सपने भी देखे,
तीनो रंग के,
और आप लड़ते रहे,
सिर्फ एक ही रंग के लिए !

देश का सर उँचा करनेके लिए
मैंने मिसाईल उडाए,
देश का सर निचा झुकाने के लिए
आपने बम गिराए !!

मेरा काम पवित्र था
इसलिए काम करते करते गिर पड़ा।
आपका पाप बड़ा था
इसलिए देश ने आपको गिराया
फासी के फंदे पे लटकाया !!!!